6 दिन से आतंकियों के पीछे पड़ी थी सेना, जानें- हंदवाड़ा एनकाउंटर की पूरी कहानी
आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं कैसे शुरू हुई ये मुठभेड़ और कैसे देश ने अपने 5 वीर जवानों को खोया. दरअसल, 28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में सुरक्षा बलों को आतंकियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. और 1 मई को दिन में 3 बजे पहली बार आतंकियों से आमना-सामना हुआ.
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा
हालांकि इस दौरान आतंकी यहां से फरार हो गए और 24 घंटे बाद हंदवाड़ा में 11 नागरिकों को बंधक बनाते हुए एक घर में छिप गए. उनके मूवमेंट की ताजा जानकारी इंटेलिजेंस को मिली. इसके बाद 2 मई को मिले इनपुट के आधार पर हंदवाड़ा में घर को घेरने को लेकर ऑपरेशन शुरू किया गया.
शहीद मेजर अनुज सूद ये
सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन था. इस टीम में सेना के
पांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान नागरिकों को बचाने के लिए इलाके में
दाखिल हुए. एक अधिकारी ने कहा कि जैसे ही टीम अंदर की ओर बढ़ी, घर के एक
छोर से फायरिंग शुरू हुई.
शहीद काजी पठान
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद पाया गया कि घर में आतंकी छुपे हुए हैं और वहीं से वे फायरिंग कर रहे हैं. मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर गए, लेकिन हमने भी अपने जवानों को खो दिया. दो आतंकियों को हमने पहले ढेर कर दिया था, लेकिन घर में दो आतंकी और मौजूद थे जो लगातार फायरिंग कर रहे थे. इन्हीं की फायरिंग में हमने भी अपने जवानों को खोया.
शहीद जवान राजेश कुमार
शहीद सुरक्षाकर्मियों में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर काजी पठान हैं. हालांकि इस पूरे मुठभेड़ में सुरक्षा कर्मी नागरिकों को बचाने में सफल रहे.
शहीद दिनेश
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
मुठभेड़ में शहीद सुरक्ष कर्मियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुये लिखा, ' हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि. उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने अत्यंत समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक परिश्रम किया. उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति संवेदना.'
- राजवारा के जंगलों में आतंकियों के होने की मिली जानकारी
- मुठभेड़ में कर्नल, मेजर और तीन जवान शहीद, 2 आतंकी भी ढेर
आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं कैसे शुरू हुई ये मुठभेड़ और कैसे देश ने अपने 5 वीर जवानों को खोया. दरअसल, 28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में सुरक्षा बलों को आतंकियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. और 1 मई को दिन में 3 बजे पहली बार आतंकियों से आमना-सामना हुआ.

हालांकि इस दौरान आतंकी यहां से फरार हो गए और 24 घंटे बाद हंदवाड़ा में 11 नागरिकों को बंधक बनाते हुए एक घर में छिप गए. उनके मूवमेंट की ताजा जानकारी इंटेलिजेंस को मिली. इसके बाद 2 मई को मिले इनपुट के आधार पर हंदवाड़ा में घर को घेरने को लेकर ऑपरेशन शुरू किया गया.


अधिकारी ने बताया कि इसके बाद पाया गया कि घर में आतंकी छुपे हुए हैं और वहीं से वे फायरिंग कर रहे हैं. मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर गए, लेकिन हमने भी अपने जवानों को खो दिया. दो आतंकियों को हमने पहले ढेर कर दिया था, लेकिन घर में दो आतंकी और मौजूद थे जो लगातार फायरिंग कर रहे थे. इन्हीं की फायरिंग में हमने भी अपने जवानों को खोया.

शहीद सुरक्षाकर्मियों में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर काजी पठान हैं. हालांकि इस पूरे मुठभेड़ में सुरक्षा कर्मी नागरिकों को बचाने में सफल रहे.

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
मुठभेड़ में शहीद सुरक्ष कर्मियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुये लिखा, ' हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि. उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने अत्यंत समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक परिश्रम किया. उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति संवेदना.'
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